Tuesday 16 July 2013

लल्‍लनजी और पप्‍पूजीओं का देश

(लीजेण्ड न्यूज़ विशेष)
टीवी सीरियल लापतागंज का एक किरदार है लल्लनजी। लल्लनजी एक सरकारी मुलाजिम हैं और उनका तकिया कलाम है- हमसे तो किसी ने कहा ही नहीं।
काम कैसा भी हो, लल्लनजी से जब तक कोई कहता नहीं है तब तक वह कुछ नहीं करते। यहां तक कि खाना-पीना, उठना-बैठना भी उनका किसी के कहे बिना नहीं होता।

इसी प्रकार का एक दूसरा टीवी सीरियल था हम आपके हैं इन-लॉज। यह सीरियल हालांकि अपनी उम्र पूरी किये बिना ही दम तोड़ गया लेकिन उसका भी एक किरदार लापतागंज के लल्लनजी से प्रभावित था।
पप्पूजी नाम के इस किरदार का तकिया कलाम था- मैं नाराज हूं। वह कभी भी किसी बात पर वक्त-बेवक्त नाराज हो जाया करता था। घर जमाई के इस किरदार की खासियत यह थी कि वह ज्यादा देर तक किसी से नाराज नहीं रह पाता था। ये बात और है कि कुछ दिनों में ही दर्शक उससे नाराज हो गए ।
आप चाहें तो इसे इत्तिफाक मान सकते हैं कि हमारी राजनीति में भी ठीक इसी प्रकार के चरित्र हैं, हालांकि राजनीति की तुलना किसी टीवी सीरियल से नहीं की जा सकती। ये बात और है कि राजनीति हमेशा से नाटक-नौटंकी तथा फिल्म वालों का पसंदीदा विषय रही है।